कश्मीर को लेकर अटकलों पर लगा विराम, पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक खत्म

*कश्मीर को लेकर अटकलों पर लगा विराम, पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक खत्*


जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के मन में क्या चल रहा है इस पर चल रही कयासबाजियों पर थोड़ी देर में विराम लग गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह 9.30 बजे शुरू हुई कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। इससे पहले पीएम आवास पर मोदी-शाह और एनएसए डोभाल के बीच एक अलग से बैठक भी हुई।


माना जा रहा है कि इस बैठक में जम्मू और कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया गया है। कश्मीर पर कैबिनेट की बैठक के बारे में गृहमंत्री अमित शाह आज 11 बजे संसद में बयान देंगे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा कैबिनेट के सभी मंत्री शामिल हुए।


सूत्रों के अनुसार, चूंकि संसद सत्र के तत्काल बाद गृह मंत्री कश्मीर जा रहे हैं, इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि सरकार राज्य के संदर्भ में कुछ बड़े फैसले ले सकती है। इस बैठक में जम्मू और कश्मीर में पैदा हुए हालात की समीक्षा भी की गई है। इसी बीच जम्मू और कश्मीर में देर रात धारा 144 लागू कर दी गई है जबकि कश्मीर के सभी वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।


सरकार के ताबड़तोड़ निर्णय के कारण विपक्ष में हलचल है। कांग्रेस ने जहां स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस लगातार केंद्र सरकार पर अंधेरे में रखने का आरोप लगा रहे हैं। खासतौर से राज्यपाल के दो-तीन इंतजार करें संबंधी बयान ने राज्य में कुछ बड़ा होने संबंधी कयासों को हवा दी है।


घाटी में फिर से फहराया जा सकता है तिरंगासियासी हलचल को अनुच्छेद 35 ए, अनुच्छेद 370, राज्य में परिसीमन, राज्य को तीन हिस्से में बांटने जैसे कई मुद्दों से जोड़ा जा रहा है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस सियासी हलचल का कश्मीर से कोई लेना देना नहीं है। सरकार वहां विधानसभा चुनाव से पहले इन मुद्दों पर हाथ नहीं डालेगी। मामला पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) सहित सीमा पार के दूसरे मामलों से जुड़ा है।


भविष्य में इसी से जुड़े मुद्दों पर सरकार कोई बड़ा फैसला कर सकती है। जहां तक घाटी में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने की बात है तो यह स्वतंत्रता दिवस को ले कर है। गौरतलब है कि दशकों बाद पहली बार घाटी के गांव गांव में तिरंगा झंडा फहराए जाने की संभावना है।


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधिमंडलः अब्दुल्ला  


राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले सांविधानिक प्रावधानों को रद्द करने, परिसीमन करने या राज्य के तीन हिस्सों में बंटवारे की कोशिश से जुड़े किसी कदम का राज्य की क्षेत्रीय पार्टियों ने विरोध करने का एलान किया है।


नेकां प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर रविवार शाम हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया। पहले यह बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के आवास पर होनी थी, लेकिन डॉ. अब्दुल्ला की खराब सेहत की वजह से बैठक उनके आवास पर ही हुई।


बैठक में पारित प्रस्तावों को गुपकार घोषणापत्र का नाम दिया गया है। बैठक के बाद नेकां प्रमुख डॉ. अब्दुल्ला ने बताया कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। प्रतिनिधिमंडल इन सभी को अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से अवगत कराएगा।